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Monday, August 31, 2015

फिर यहां पर कौन-सी करेंसी चलती है..?"


कल रात मैंने एक "सपना" देखा.!! सपने में, मैं और मेरी Family...शिमला घूमने गए.....!


हम सब शिमला की रंगीन वादियों में कुदरती नजारा देख रहे थे......! जैसे ही हमारी Car 'Sunset Point' की ओर निकली... अचानक गाडी के Break फेल हो गए.. और हम सब करीबन 1500 फिट गहरी खाई में जा गिरे..! मेरी तो 'on the spot' Death हो गई...


जीवन में कुछ अच्छे कर्म किये होंगे.. इसलिये यमराज मुझे स्वर्ग में ले गये...


देवराज इंद्र ने मुस्कुराकर... मेरा स्वागत किया... मेरे हाथ में Bag देखकर पूछने लगे... ''इसमें क्या है..?" मैंने कहा... '' इसमें मेरे जीवन भर की कमाई है... पांच करोड़ रूपये हैं ...।"


इन्द्र ने 'BRP-18765908796' नम्बर के Locker की ओर इशारा करते हुए कहा- ''आप अपनी अमानत...इसमें रख दीजिये..!'' मैंने Bag रख दी... मुझे एक Room भी दिया... मैं Fresh होकर Market में निकला... देवलोक के Shopping मॉल में... अद्भुत वस्तुएं देखकर... मेरा मन ललचा गया..!


मैंने कुछ चीजें पसन्द करके Basket में डाली और काउंटर पर जाकर...उन्हें हजार-हजार के.... करारे नोट देने लगा...

Manager ने नोटों को देखकर कहा, ''यह करेंसी यहाँ नहीं चलती..!''

यह सुनकर मैं हैरान रह गया..! मैंने इंद्र के पास Complaint की...

इंद्र ने मुस्कुराते हुए कहा कि, ''आप व्यापारी होकर इतना भी नहीं जानते..? कि जब आपकी करेंसी बाजू के मुल्क श्रीलंका और बांगलादेश में भी नहीं चलती... और आप ! मृत्यूलोक की करेंसी स्वर्गलोक में चलाने की मूर्खता कर रहे हो..?''


यह सब सुनकर मुझे मानो साँप सूंघ गया..! मैं जोर जोर से दहाड़े मारकर रोने लगा। और परमात्मा से दरखास्त करने लगा,  ''हे भगवान्.ये...क्या हो गया...?'' 'मैंने कितनी मेहनत से ये पैसा कमाया..!'' ''दिन नहीं देखा, रात नहीं देखा, ''पैसा कमाया"...!


''माँ- बाप की सेवा नहीं की, पैसा कमाया.. बच्चों की परवरिश नहीं की, पैसा कमाया.. पत्नी की सेहत की ओर ध्यान नहीं दिया,  पैसा कमाया...!''


''रिश्तेदार, भाई-बन्द, परिवार और यार दोस्तों से भी किसी तरह की हमदर्दी न रखते हुए पैसा कमाया.!!" ''जीवन भर हाय पैसा, हाय पैसा किया...! ना चैन से सोया, ना चैन से खाया... बस, जिंदगी भर पैसा कमाया.!'' ''और यह सब व्यर्थ गया..?'' ''हाय राम, अब क्या होगा..!''

इंद्र ने कहा -''रोने से कुछ हासिल होने वाला नहीं है.!! " "जिन जिन लोगो ने यहाँ जितना भी पैसा लाया, सब रद्दी हो गया।" "जमशेद जी के 55 हजार करोड़ रूपये, सरला जी के 47 हजार करोड़ रूपये...।रमेश भाई के 29 हजार करोड़ अमेरिकन डॉलर.....! सबका पैसा यहां पड़ा है.!"

मैंने इंद्र से पूछा- "फिर यहां पर कौन-सी करेंसी चलती है..?"

इंद्र ने कहा- "धरती पर कहा कुछ अच्छे कर्म किये हैं....! जैसे किसी दुखियारे को मदद की,  किसी रोते हुए को हँसाया,  किसी गरीब बच्ची की शादी करवा दी,  किसी अनाथ बच्चे को पढ़ा-लिखा कर  काबिल बनाया...!  किसी को व्यसन-मुक्त किया...! किसी अपंग स्कूल, वृद्धाश्रम या  मंदिरों में दान धर्म किया...!"

"ऐसे पूण्य कर्म करने वालों को यहाँ पर एक Credit Card मिलता है..! और उसे प्रयोग कर आप यहाँ स्वर्गीय सुख का उपभोग ले सकते हैं..!''

मैंने कहा,"भगवन,  मुझे यह पता नहीं था...इसलिए मैंने अपना जीवन व्यर्थ गँवा दिया.!!" "हे प्रभु, मुझे थोडा आयुष्य(आयु) दीजिये..!'' और मैं गिड़गिड़ाने लगा.! इंद्र को मुझ पर दया आ गई.!! इंद्र ने तथास्तु कहा और मेरी नींद खुल गयी..!  मैं जाग गया..! और प्रतिज्ञा की.. अब मैं वो दौलत कमाऊँगा ...जो वहाँ चलेगी......




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