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Wednesday, May 04, 2016

जिन्दगी की हर सुबह.




जिन्दगी की हर सुबह

कुछ शर्ते लेके आती है।

और जिन्दगी की हर शाम

कुछ तर्जुबे देके जाती है।

मंजिल चाहे कितनी भी

ऊँची क्यों न हो

रास्ते हमेशा पैरों के नीचे होते हैं!
जो निखर कर बिखर जाए

वो "कर्तव्य" है और...

जो बिखर कर निखर जाए

वो "व्यक्तित्व" है!!

Good morning

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